शब्दों को चुन चुनकर यू ही मैंने उसके हुस्न ए जलवे पर
एक मधुमय सा गीत लिख डाला।
तारीफ की मधुर चाहत लिए बैठा था दिलपर,
पर झूठा शायर कहके उसने मुझे बदनाम कर डाला।
एक मधुमय सा गीत लिख डाला।
तारीफ की मधुर चाहत लिए बैठा था दिलपर,
पर झूठा शायर कहके उसने मुझे बदनाम कर डाला।
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