Wednesday 16 December 2015

क्या पढ़े, क्यों पढ़े

कई दिनों से मैं एक गहन आत्ममंथन के दौर से चल रहा था. तय नहीं कर पा रहा था कि आखिर मैं क्या कर रहा हूं और वास्तव मैं क्या करना चाहता हूं. यही प्रश्न बार-बार मेरे दृष्टिपटल पर उभरता रहा मिटता रहा. कुछ पढ़ता रहा, कुछ सोचता रहा. इसी दौरान पढ़ते-पढ़ते मैं गलती से ही मगर Leo Babauta  के ब्लॉग Zen habits में जा घुसा. उसे पढ़ता रहा, समझता रहा और अपने व्यावहारिक जीवन में उतारने का प्रयास करता रहा. इसमें कहां तक मैं सफल हुआ यह आपको मैं बाद मैं बताऊंगा, और साथा ही यह भी बताऊंगा कि उनसे प्रेरित होकर मैं क्या करने जा रहा हूं.
बहरहाल, अगर आपके पास भी थोड़ा समय अतिरिक्त है तो इस मेरे साथ जुड़ें और आपको भी भी मैं कई नई-नई बातों से अवगत कराऊंगा और आपके जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगा.
 http://zenhabits.net 

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